Menu
blogid : 20809 postid : 860307

भर दो!..हास्य-व्यंग्य का प्याला!

prawahit pushp!
prawahit pushp!
  • 26 Posts
  • 50 Comments

छलका दो!..हास्य-व्यंग्य का प्याला!

क्या बात है!..हास्य व्यंग्य का नाम सुनते ही खून में गर्माहट दोड़ने लगती है!..होठ हास्य प्रदर्शित करने के लिए, दोनों कोनों से फैलना शुरू कर देते है!..मन पतंग बन कर हवामें उड़ने की तैयारी में जुट जाता है!…और भी सुंदर अनुभवों से मनुष्य गुजरने लगता है!..ये तो हुआ हास्य व्यंग्य के नाम का असर!

…हास्य व्यंग्य कई तरह से माध्यमों से आपके समक्ष अवतरित होता है!..कोई जोरदार चुटकुला सुन कर क्या आप कभी पेट पकड़कर हँसे नहीं है?..किसी हास्य कविता ने आपसे ठहाका नहीं लगवाया?..किसी हास्य व्यंग्य से भरपूर कहानी को, बार बार हँसने के उद्देश्य से आपने पढ़ा नहीं क्या?…किसी हास्य व्यंग्य से भरपूर लेख पढ़ना आपकी आदत में शामिल नहीं है क्या?…शुरू से आखिर तक हंसाने वाली, हास्य रस से भरपूर फिल्में देखने वालों की भीड़ में आप शामिल नहीं है क्या?…तो इसका मतलब यह कि आप हास्य रस का सेवन करना पसंद करतें है, इसमें दो राय नहीं है!…और फिर हास्य को व्यंग्य का तडका लगा कर परोसा जाए तो?…क्या कहने!..मन में उठने वाली अद्भूत तरंगों का वर्णन शब्दों में किया जाना संभव नहीं है!

…कहा जाता है कि हास्य एक बेहतरीन-असरकारक- दवाई का काम करता है!..आपने देखा होगा कि ज्यादातर डॉक्टर्स पेशंट्स के साथ हलके फुलके मजाक के साथ ही बातचीत कर रहे होते है!..इससे पेशंट को यह अनुभूति होती है कि उसकी बीमारी कोई ज्यादा गंभीर नहीं है और वह जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ कर लेगा!..मन का असर शरीर पर होता ही है! मन से जब पेशंट आनंद के अनुभव से गुजरता है, तब शरीर भी मन का साथ देना शुरू कर देता है!…परिणाम स्वरूप दी जाने वाली दवाइयों का असर सकारात्मक रवैया दिखाता है!…जिसे डॉक्टरी भाषामें कहा जाता है कि ‘ मेडिसिन रिसपोंड’ करने लगी है!…दवाई का अपेक्षित असर नजर आने लगा है!…देखा हास्य का कमाल!

…रोते हुए बच्चे को चुप कराने के लिए कुछ ऐसी भाव भंगिमाएं बनाई जाती है कि वह हंस पड़ें…उसे बन्दर, बिल्ली, भालू, कुत्ता और गधे की ऐसी हरकतें सुनाई जाती है कि जिससे वह हंसने लगता है!…हास्य पैदा करने वाले, चेहरे पर लगाए जाने वाले मोहरों की मांग बहुत ज्यादा है!..और लगभग सभी अखबारों के मुखपृष्ठ पर ध्यान खिंचने वाले कार्टूनों की अहमियत को कौन नहीं जानता?..राजकीय नेताओं के कार्टून… उनसे हुई गलतियों की धज्जियां उड़ाने के साथ साथ हास्य का एक अनोखा पिटारा खोल कर रख देते है!…तभी तो अखबारों के पन्नों पर व्यंग्यकार और कार्टूनिस्टों की बल्ले बल्ले है!

…हास्य व्यंग्य एक अहानिकारक नशा है!…कभी किसी प्रकार की हानी पहुंचाता नहीं है, पर सभी को अपना आदी बनाने पर तुला हुआ है!..हास्य कलाकारों को लंबे समय तक याद किया जाता है…चार्ली-चैपलिन को गुजरे हुए अरसा बीत गया…लेकिन आज भी उनकी फिल्मों का जादूई असर बर-करार है!हमारी फिल्म इंडस्ट्री के बहुत से हास्य कलाकार आज भी अपनी जगह पर कायम है…किशोर कुमार, महमूद, जोनीवॉकर, टुनटुन, आगा,आई. एस.जौहर …इत्यादि हास्य कलाकार आज इतने वर्षों बाद भी फिल्माकाश पर ध्रुव तारे की भांति अडिग है!…इसी वजह से आज की फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाने वाले नायक-नायिका भी हास्य प्रसंगों में अपने आप को शामिल करने की चेष्टा कर रहे है!…

…अगर आप भी समाज में महत्वपूर्ण व्यक्ति बन कर सामने आना चाहतें है तो…हास्य व्यंग्य को अपनाएं!..हास्य व्यंग्य का प्रयोग करने की कला को आत्मसात करें!…फिर देखिए चमत्कार…लोग आपसे कह उठेंगे…यार!..अब रहा नहीं जाता..भर दो हास्य व्यंग्य का प्याला!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh