prawahit pushp!
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जय हिंदी, जय भारत।
हिंदी पुस्तकें बैठी है..
धरने पर.. जंतर मंतर।
हमारी मांगें पूरी करो..
कह रही चिल्ला चिल्ला कर।
निवेदन कर रही..
भारत सरकार से..
सभी भारतवासी..
आम और खास जनों से..
मांगें वैसे तो है बहुत सारी…
लेकिन समेट लेंगे धरना जो..
एक अव्वल मांग हो पूरी।
एक अव्वल मांग है इतनी कि..
हिंदी की जय जय कार..
चाहे बाद में करो..
हमारे लिए पहले..
पाठक तैयार करो..
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